बंजारों की भूमी है ये मरुधर
कब यहाँ कोई टिक पिएगा
जब मिलेगी नयी उमीदें
वहीँ ये रास्ता छोड़ जायेगा
हम कौन तुम्हरे, तुम कौन हमारे
सारे नामो निशा, पीछे छूट जायेगा
बंजारों की भूमी है ये मरुधर
कल कोई और आएगा
फिर नयी ज़िन्दगी बसायेगा...........
Banjaro ki baat cali hai tho banjaro sa ban jaane do... life is all about moving on the paths of expressions and sharing of experiences of deep emotions, sentiments, learning failures and success, sorrows and joys, of lost and love, of being born and being dead.. of isolation, solidarity and rejuvenating to society.
Monday, October 26, 2009
marudhar
मरुधर लगता कितना सुखा सा
फिर भी लेकर जीवन के हर रूप
हर रोज़ नया रंग तुझको मुझको
हर कदम पर दिखाता रहा.
हाल क्या बयां कर्रे मरुधर
कठोर बन, सिखाने कुछ ख़ास तुझको मुझको
की जीना यू तो आसन नहीं
पर अम्रुधर में जो जी गया
उस ने जीवन का अमृत है पाया
फिर भी लेकर जीवन के हर रूप
हर रोज़ नया रंग तुझको मुझको
हर कदम पर दिखाता रहा.
हाल क्या बयां कर्रे मरुधर
कठोर बन, सिखाने कुछ ख़ास तुझको मुझको
की जीना यू तो आसन नहीं
पर अम्रुधर में जो जी गया
उस ने जीवन का अमृत है पाया
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